Atitude shayari in hindi | 60+ Atitude shayari status in Hindi (एटीट्यूड शायरी हिंदी में)

Atitude shayari in hindi | 60+ Atitude shayari status in Hindi (एटीट्यूड शायरी हिंदी में)

 


जो जाते हैं आगे जाने दो, सबको पीछे छोडुंगा वक्त आने दो…


 Attitude Shayari in Hindi | Attitude Shayari for Boy | Attitude Status in Hindi


चाँद हो या सूरज, चमकते सब हैं अपना वक़्त आने पर


 


जुबान खराब नहीं विचार कड़क है..रंगो में नही सोच में फर्क है…


 


कोई मुझसे जलता है ये भी मेरे लिए सफलता है..


 


शायद मै इसलिए पीछे हूँ, मुझे होशियारी नही आती!! बेशक लोग ना समझे मेरी वफादारी, मगर मुझे गद्दारी नहीं आती..


 


कुछ लोग ख़जाने की तरह होते हैं. दिल करता है जमीन में ही गाढ़ दें..


 


अगर फितरत हमारी सहने की नहीं होती तो हिम्मत तुम्हारी कुछ कहने की नहीं होती..


 


जब तक हम सहना नही छोड़ेंगे लोग कहना नहीं छोड़ेंगे


 

Atitude shayari in hindi | 60+ Atitude shayari status in Hindi (एटीट्यूड शायरी हिंदी में)

मेरा ATTITUDE मेरी निशानी है तू बता. . तेरे को क्या परेशानी है..


 


दुनिया ख़ामोशी भी सुनती हैं लेकिन पहले दहशत मचानी पड़ती हैं!


 


जो खुद को बहुत कुछ समझता है, मैं उसे कुछ नहीं समझता..


 


पसन्द आया तो दिल में… नही तो दिमाग में भी नहीं!!


 


फर्क सिर्फ इतना है…जहाँ तेरे संपर्क है वहाँ हमारे संबंध है.


 


मैं तो वक़्त से हारकर सर झुकाये खड़ा था और सामने खड़े लोग खुदको बादशाह समझने लगें!!


 

कमजोर “वक़्त” है “रक्त” नहीं…!



तक़दिर हाथों में है, लकीरों में नहीं…


 


जिस दिन कामयाबी मिलेगी उस दिन मेरे ही चर्चे होंगे; उनके एक महिने की इनकम मेरे एक दिन के खर्चे होंगे…


 


जिन्हें मै छोड़ देता हूं, फिर उनका जिक्र खो देता हूं..


 


पहचान तो सबसे है हमारी, लेकिन भरोसा सिर्फ खुद पर हैं..


 


फासले ही बढ़ाये हैं लोगों ने… हौसला किसी ने नही बढ़ाया


 


इतना Attitude न दिखा ज़िंदगी में तकदीर बदलती रहती है, शीशा तो वहीं रहता है, पर तस्वीर बदलती रहती है।


 


जिनको मेरी फिक्र नहीं उनका अब कोई ज़िक्र नहीं..


 


अकेले है कोई गम नहीं, जहाँ इज्जत नही वहाँ हम नहीं…


 


बुराई ढूंढने का इतना ही शौक है, तो शुरुवात खुद से करें।


 


कमी नहीं दिखेगी कभी दुसरों की शान में; जिस दिन झांकेगा अपने गिरेबान में…


 


थका हुं थोड़ा रुका नही हुं, कोई इज्ज़त पे वार करे इतना झुका नही हुं..


 


शौक से करो बदनाम सरेआम फिर भी सबसे ऊपर होगा हमारा नाम!!


 


मेरे क़िरदार को मेरे आज से ना जानों, मै जब पौधा था तब भी बरगद था।


 हम इतने खूबसूरत तो नही है, मगर हाँ..जिसे आँख भर के देख ले उसे उलझन में ड़ाल देते हैं।


 


हम आज भी अपने हुनर में दम रखते है, छा जाते हैं रंग जब हम महफिल में कदम रखते है!!


 


तुम्हारे छोड़ जाने के बाद जो इस दिल को मिला है, उसे सुकून कहते है..


 


प्यार करता हु इसलिए फ़िक्र करता हूँ, नफरत करुंगा तो जिक्र भी नही करुंगा!!


 


कर लो नज़र अंदाज अपने हिसाब से….जब हम करेंगे, तो बेहिसाब करेंगे.


 


ज़िंदगी तुझसे हर कदम पर समझौता क्यों किया जाएं, शौक जीने का है, मगर इतना भी नहीं कि मर-मर के जिया जाएं।


 


ये मत सोचना के आस छोड़ दी है, बस अब मैंने तेरी तलाश छोड़ दी है…


 


मैं बस खुद को अपना मानता हूं, क्योंकि दुनिया कैसी है, अच्छे से जानता हूं…


 


शेर इलाका बदलता है, इरादा नहीं…


 


जब लोग बदल सकते हैं तो किस्मत क्या चीज़ हैं…


 


चुप रहना ताक़त हैं मेरी कमज़ोरी नहीं, अकेले रहना आदत हैं मेरी मजबूरी नहीं…


 


तू याद रख, या ना रख….तू याद है, ये याद रख!!


 


सबको लगता है मैं कमजोर हूं इसलिए देखो आज मैं कुछ और हूं..


 


जवाब देना तो हमे भी आता हैं लेकिन आप इस काबिल नहीं।




वसीयत अपने नाम लिखने से कुछ नही होता, ये तो उड़ान तय करती है कि आसमान किसका होगा।


 


अंदाजे से ना नापिये किसी की हस्ती को..ठहरे हुए दरिया अक्सर गहरे होते हैं


हम इतने खूबसूरत तो नही है, मगर हाँ..जिसे आँख भर के देख ले उसे उलझन में ड़ाल देते हैं।


 


हम आज भी अपने हुनर में दम रखते है, छा जाते हैं रंग जब हम महफिल में कदम रखते है!!


 


तुम्हारे छोड़ जाने के बाद जो इस दिल को मिला है, उसे सुकून कहते है..


 


प्यार करता हु इसलिए फ़िक्र करता हूँ, नफरत करुंगा तो जिक्र भी नही करुंगा!!


 


कर लो नज़र अंदाज अपने हिसाब से….जब हम करेंगे, तो बेहिसाब करेंगे.


 


ज़िंदगी तुझसे हर कदम पर समझौता क्यों किया जाएं, शौक जीने का है, मगर इतना भी नहीं कि मर-मर के जिया जाएं।


 


ये मत सोचना के आस छोड़ दी है, बस अब मैंने तेरी तलाश छोड़ दी है…


 


मैं बस खुद को अपना मानता हूं, क्योंकि दुनिया कैसी है, अच्छे से जानता हूं…


 


शेर इलाका बदलता है, इरादा नहीं…


 


जब लोग बदल सकते हैं तो किस्मत क्या चीज़ हैं…


 


चुप रहना ताक़त हैं मेरी कमज़ोरी नहीं, अकेले रहना आदत हैं मेरी मजबूरी नहीं…


 


जवाब देना तो हमे भी आता हैं लेकिन आप इस काबिल नहीं।



पसंद है मुझे उन लोगों से हारना जो लोग मेरे हारने की वजह से पहली बार जीते हो!


 


कितनी भी सजा दो काफी नहीं होती, कुछ गलतियां ऐसी होती है जिनकी माफी नहीं होती।


 


खुद में झांकने के लिए जिगर चाहिए, दुसरों की शिनाख्त में तो हर शख्स माहिर होता है।


 


हद से बढ़ जाए ताल्लुक तब गम मिलते हैं, हम इसी वास्ते हर शख्स से कम मिलते हैं!!